हरसिंगार की अभिलाषा
इससे पहले कि मेरी निर्मल धवल कोमल ताज़ा पंखुड़ियाँ कुम्हला कर मलिन हो जायें , मेरी सुंदर सुडौल खड़ी हुई नारंगी डंडियाँ तुम्हारे मस्तक का अभिषेक करने से पहले ही मुरझा कर धरा पर बिखर जायेंमुझे बहुत सारा...
View Articleइंतज़ार
तुम ज़मीं पर सितारों से मिलते रहे मैं फलक के सितारों को गिनती रहीतुम बहारों में फूलों से खिलते रहे मैं खिज़ाओं में शूलों को चुनती रही न बुलाया ही तुमने न दस्तक ही दी मैं खलाओं में तुमको ही सुनती रही...
View Articleआज खुशियों भरी दीवाली है
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ! हर घर के स्वागत द्वार पर छोटे-छोटे दीपों का हार हैप्रभु की स्नेहिल अनुकम्पा कायह अनुपम उपहार है !उर अंतर का हर कोना आज खुशियों के उजास से जगमगा रहा है दीप मालिकाओं का...
View Articleकोई आस-पास है............
एक आवारा सा ख़याल,एक बेतरतीब सी सोच,एक ज़िद्दी सी याद,एक अनगढ़ सी मूरत,वक्त के एल्बम में पीली पड़ी ढेर सारी धुँधली तस्वीरों में एक बिलकुल साफ़ ताज़ी चमकती सी तस्वीर,जाने क्यों गाहे बेगाहेफुसफुसा कर कानों में...
View Article‘सत्यमेव जयते’
‘सत्यमेव जयते’लिखने पढ़ने में यह नारा कितना अच्छा लगता है,‘सत्य का आभामण्डल बहुत विशाल होता है’ कहने सुनने के लिये यह कथन भी कितना सच्चा लगता है !लेकिन नायक वर्तमान परिस्थितियों में ‘सत्य’जिन रूपों में...
View Articleभ्रम का संसार
माना कि भ्रम का संसार बड़ा सुहाना होता है ! माना कि भ्रम मायूसी के आलम में जीने के लिये एक पुख्ता बहाना होता है ! माना कि भ्रम रिक्तता के शून्यकाल में सुदूर स्थित आकाशकुसुम से सुखों तक पहुँचने के लिये...
View Articleनियति
जब मन और आत्मा को तृप्त कर देने वाली उच्च स्वर में गूँजती संगीत की मधुर स्वर लहरियाँशनै शनै नेपथ्य में जा धीमी होती जाती हैं और सहसा ही शून्य में विलीन हो जाती हैं तो कैसा लगता है ! जब सुदूर यात्रा पर...
View Articleजीवन नौका
इस अनन्त, अथाह, अपार सागर की उद्दाम लहरों पर हर ओर से लगाम कसे मैं खड़ी तो हूँ विश्व विजेता सी कुछ इस तरह मानोसृष्टि का हर रहस्य हर आतंक, हर भय मैंने वशीभूत कर लिया है लेकिन क्या मेरे आकुल मन ने सच में...
View Articleचल उठ राही ....
मंज़िल की दूरी को लख कर राही तू रुक जाना ना ,पथ के सन्नाटों से डर कर राही तू मुड़ जाना ना ,पलक बिछाये बैठे हैं सब शूल, धूल, कंकर, पत्थर ,स्वागत को आतुर अपने इन मित्रों को बिसराना ना ! चल उठ राही ! हिम्मत...
View Articleआराधना
किस तरह बालारुण की एक नन्ही सी रश्मि सागर की अनगिनत लहरों में प्रतिबिंबित हो उसके पकाश को हज़ारों गुना विस्तीर्ण कर देती है ! जहाँ तक दृष्टि जाती है ऐसा प्रतीत होता है मानो हर लहर पर हज़ारों सूर्य ही...
View Articleचलो भर लें उड़ान
आओ ना,भोर की सुनहरी आभा सेधरती और आकाश उजागर हो चुके हैं ! चलो मिल कर गायें कुछ सुरीले गीत ! भर दें इस संसार को संगीत की अलौकिक मधुर स्वर लहरियों से !भर लें अपने मन और आत्मा में यह दिव्य उजास जो...
View Articleऔर क्या चाहिये....
एक चित्र-गीत चाँद और तारों भरी सुहानी रात है,स्निग्ध शीतल चाँदनी की अमृत भरी बरसात है,वादी के ज़र्रे-ज़र्रे में उतरे इस आसमानी नूर में कुछ तो अनोखी बात है,कारवाँ बनाने को खुद अपनी हीपरछाइयों का सुकून भरा...
View Articleजीवन बदरंग
खाली बर्तन चुक गया ईंधन भूखा है तन ! कैसा जीवन पिसता बचपन रीता है मन ! नहीं उमंग जीवन बदरंग दुर्दशा संग ! साधना वैद
View Articleफिर वही ढाक के तीन पात
चार राज्यों में चुनाव के परिणामों ने आज सच में भारत में महोत्सव का माहौल बना दिया है ! वर्षों की मायूसी, मोह भंग एवँ जद्दोजहद की ज़िंदगी जीने के बाद आज भारत की जनता के मुख पर अरसे के बाद एक सच्ची...
View Articleदिल्ली को ताज कैसे मिले ........
आम आदमी पार्टी की अप्रत्याशित सफलता के लिये उन्हें हार्दिक बधाई ! परन्तु चुनाव सिर्फ हार जीत का मैच नहीं है यह प्रजातंत्र की परीक्षा और जनता के उस पर विश्वास की पुनर्स्थापना का पर्व भी है !...
View Articleसंकल्प
जीवन यदि सुरभित एवँ निष्कंटक बनाना है तो अंतर के सारे शूलों को चुन कर मन उपवन के कोने-कोने की सफाई करनी होगी ! हृदय के सारे गरल कोएक पात्र में एकत्रित कर नीलकंठ बन अपने ही गले के नीचे उतारना होगा...
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