रुद्राक्ष
रुद्राक्ष रचा लिया है तुम्हें आँखों में, धारण कर लिया है उर पटल पर कर लिया है अवस्थित तुम्हें अंतस्तल के सर्वोच्च आसन पर तुम सामान्य सी माला के मोती नहीं तुम रुद्राक्ष हो ! एक अनमोल रुद्राक्ष !मेरे...
View Articleराजतिलक
बस एक पत्थर ,एक विवादित बयान ,एक आक्रोशित आरोप सत्य हो या असत्य क्या फर्क पड़ता है आपको सुर्ख़ियों में ला खड़ा करता है ! आप कुछ नहीं से बहुत कुछ हो जाते हैं ! कल तक जिसका नाम पता अजाना था रातों रात...
View Articleघर फूँक तमाशा
एक पुरानी पोस्ट ! आज के सन्दर्भों में याद आ गयी ! देश में कहीं कुछ हो जाये हमारे मुस्तैद उपद्रवकारी हमेशा बड़े जोश खरोश के साथ हिंसा फैलाने में, तोड़ फोड़ करने में और जन सम्पत्ति को नुक्सान पहुँचाने में...
View Articleपितृ दिवस _ लघुकथा
गर्मियों की शाम थी ! देवांश के दोस्त इन दिनों घर के अन्दर ही डेरा जमाये रहते थे ! मम्मी लू लगने के डर से बाहर जाने ही नहीं देती थीं ! स्कूल में अध्यापिका थीं तो उन्हें बच्चों को किसी न किसी गतिविधि...
View Articleलगा दहकने सूरज
है बैसाख महीना सबकी आफत आईलगा दहकने सूरज सबकी शामत आई !ताल, तलैया, नदिया, सरवर खौल रहे हैंखग, मग, वनचर व्याकुल होकर डोल रहे हैंअभी से हैं ये हाल ज्येष्ठ क्या होगा भाईलगा दहकने सूरज सबकी शामत आई !सुबह...
View Articleआगरा - झुनझुन कटोरा
आगरा तो खूब घूमा होगा आपने ! ज़ाहिर सी बात है जिस एक शहर में विश्व विरासत की तीन तीन इमारतें स्थित हों, उनमें भी विश्व की सबसे खूबसूरत इमारत ‘ताजमहल’ का नाम शुमार हो, उसके महत्त्व और जलवे से कौन इनकार...
View Articleआज का सच
मुख्यमंत्री जी के बप्पा जी की मूर्ति का धूमधाम से अनावरण कराना था चौराहे पर मूर्तिको लगे हुए बीत चुका लंबा ज़माना था कभी सहयोगी बिदक जाते तो कभी कोर्ट कचहरी के केस आड़े आ जाते कोरोना का तो बस कमज़ोर सा...
View Articleआगरा - जसवंत सिंह की छतरी
दोस्तों, अभी कुछ दिन पूर्व मैंने आपको झुनझुन कटोरा की सैर कराई थी ! आशा है आपको आनंद आया होगा ! चलिए आज चलते हैं एक और बहुत ही खूबसूरत स्थान पर जिसका नाम है जसवंत छतरी ! मुग़ल काल के दौरान किसी हिन्दू...
View Articleआगरा - संदली मस्जिद और कांधारी बेगम का मकबरा
कांधारी बेगम का म्माक्बरा उर्फ़ संदली सहेली बुर्ज आइये आज आपको ले चलते हैं शहंशाह शाहजहाँ के हरम में और मिलवाते हैं आपको उनकी उन बेग़मात से जिनके बारे में शायद कम ही लोगों से सुना होगा ! दुनिया ने तो...
View Articleरेनी डे - लघुकथा
शोभा के घर से स्कूल काफी दूर था । छोटा सा कस्बा होने के कारण शहर में आने जाने के लिए सवारियों का भी प्रबंध आसानी से नहीं हो पाता था । स्कूल जाने के लिए वह घर से एक घंटा पहले ही निकलती क्योंकि उसे पैदल...
View Articleयक्ष प्रश्न
द्रौपदी का चीर हरण उस युग में भी हुआ था इस युग में भी होता है और आये दिन होता है उस युग में गोविन्द दूर रह कर भी द्रौपदी की आर्त पुकार को सुन कर विचलित हुए थे और उन्होंने चीर बढ़ा कर द्रौपदी की लाज बचा...
View Articleआगरा – काफुर मोस्क और पत्थर का घोड़ा
आगरा दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग न. २ पर सिकंदरा के पास काफुर मोस्क का यह स्मारक अपनी समस्त भव्यता और खूबसूरती को बचाने की ज़द्दो ज़हद करता उपेक्षित सा खड़ा हुआ है ! इसे भारतीय पुरातत्व विभाग ने संरक्षित...
View Articleपर्यावरण चिंतन
पर्यावरण संरक्षण पर कुछ हाइकू धुएँ ने किये चाँद सूरज तारे अवगुंठित स्वार्थी मानव युद्ध की विभीषिका दहकी धरा क्रुद्ध प्रकृति दोहन का उत्तर विनाश लीला तैरते शव प्रदूषित नदियाँ पंकिल जल कटे जो वन...
View Articleआगरा – महारानी विक्टोरिया और मुंशी अब्दुल करीम की कहानी
ईंटों पत्थरों की, गुमनाम भूली बिसरी इमारतों की और इतिहास के पन्नों में दफन अनजान अपरिचित लोगों की कहानियाँ सुन सुन कर आप निश्चित तौर पर बोर हो गए होंगे ! चलिए आज ज़रा हट कर आपको एक ऐसी कहानी सुनाती हूँ...
View Articleहाँ वो सच्चे वीर थे
भारतकीपावनमाटीकेवोरक्षकरणवीरथे !हाँ वो सच्चे वीर थे हाँ वो सच्चे वीर थे ! सबलसशक्तशत्रुकेआगे झुकेनहींनतमस्तकहो !कमरतोड़नेकोशत्रुकीलड़तेरहेसमर्पितहो !थे पर्वत से धीर अटल वो सागर से गंभीर थे ! हाँ वो...
View Articleअलविदा जीजाजी
मेरे पितृ तुल्य जीजाजी श्री हरेश कुमार सक्सेना ने २६ अगस्त की शाम ६.३० बजे अपने नश्वर शरीर को त्याग देवलोक के लिए महाप्रस्थान कर लिया ! उनके जाने के बाद नि:संदेह रूप से एक महाशून्य सा हम सबके जीवन में...
View Articleमैं और मेरी परछाईं
मेरे अंतर की बंजर धरती, भावों के खोखले बीज, विरक्ति का शुष्क सा मौसम, मन पर छाया अवसाद का पल पल घना होता साया पूरी तरह से उजड़ गया है मेरे मन का उपवन ! अब कविता की पौध नहीं उगती मन के किसी भी कोने में...
View Articleएक ख़त तुम्हारे नाम
प्रिय शुचि, आज जीवन के जिस मोड़ पर हम आ खड़े हुए हैं वहाँ से हमारी मंज़िलों के रास्ते अलग अलग दिशाओं के लिए मुड़ गए हैं ! मुझे नहीं लगता कि हम अब फिर से कभी एक ही राह के हमसफ़र हो सकेंगे ! इनके पीछे क्या...
View Articleश्राद्ध कर्म
शेष जीवन पंचतत्व विलीन हो चुकी काया श्राद्ध तर्पण खिलाना ब्रह्मभोज सब बेमानी व्यर्थ रूढ़ियाँ खर्चीला कर्मकांडमात्र दिखावा श्रद्धा मन में आदर हृदय में वही सत्य है शेष असत्यबचें आडम्बर से धारें धर्म...
View Articleशक्तिपूजा
जीना है अगर सम्मान से,रखना है अपनी प्रतिष्ठा को संसार में सर्वोच्च पायदान पर,रखना है अगर कदम अपना सफलता के शिखर पर,और जो लहराना है अपना परचम यश के फलक पर तो खुद शक्ति बनो तुम किसी अन्य की शक्तिपूजा से...
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